Video musical

Chupke Se | Full Song | Saathiya | Vivek Oberoi, Rani Mukerji | A R Rahman, Gulzar | Sadhana Sargam
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Créditos

PERFORMING ARTISTS
Sadhana Sargam
Sadhana Sargam
Lead Vocals
Murtuza
Murtuza
Lead Vocals
Qadir
Qadir
Lead Vocals
Keith Peters
Keith Peters
Bass
Navin
Navin
Flute
Saroja
Saroja
Dilruba
Sonu Nigam
Sonu Nigam
Vocals
Ustad Sultan Khan
Ustad Sultan Khan
Sarangi
V. J. Srinivasa Murthy
V. J. Srinivasa Murthy
Conductor
COMPOSITION & LYRICS
A.R. Rahman
A.R. Rahman
Composer
Gulzar
Gulzar
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
A.R. Rahman
A.R. Rahman
Producer
H. Sridhar
H. Sridhar
Sound Design
S. Sivakumar
S. Sivakumar
Engineer

Letra

दोस्तों से झूठ... दोस्तों से झूठी-मूठी दूसरों का नाम लेके तेरी-मेरी बातें करना (Ghalib) यारा (Ghalib), रात से दिन करना (Ghalib) लंबी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है (Ghalib) आहों से दिल भरना (Ghalib) यारा (Ghalib), रात से दिन करना (Ghalib) कब ये पूरी होगी? दूर ये दूरी होगी कब ये पूरी होगी? दूर ये दूरी होगी रोज़ सफ़र करना यारा, रात से दिन करना चुपके से, चुपके से रात की चादर तले चाँद की भी आहट ना हो, बादल के पीछे चले जले क़तरा-क़तरा, गले क़तरा-क़तरा रात भी ना हिले आधी-आधी रात भी ना हिले आधी-आधी ये चुपके से लग जा गले रात की चादर तले फरवरी की सर्दियों की धूप में मूँदी-मूँदी अँखियों से देखना हाथ की आड़ से निमी-निमी ठंड और आग में हौले-हौले मारवा के राग में Miir की बात हो दिन भी ना डूबे, रात ना आए शाम कभी ना ढले शाम ढले तो सुबह ना आए रात ही रात चले चुपके से, चुपके से रात की चादर तले चाँद की भी आहट ना हो, बादल के पीछे चले दोस्तों से झूठी-मूठी (Ghalib) दूसरों का नाम लेके (Ghalib) तेरी-मेरी बातें करना (Ghalib) यारा (Ghalib), रात से दिन करना (Ghalib) लंबी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है आहों से दिल भरना यारा, रात से दिन करना कब ये पूरी होगी? दूर ये दूरी होगी कब ये पूरी होगी? दूर ये दूरी होगी रोज़ सफ़र करना यारा, रात से दिन करना तुझ बिना पगली पुरवई तुझ बिना पगली पुरवई आके मेरी चुनरी में भर गई तू कभी ऐसे ही गले लगे जैसे ये पुरवई आ, गले लग जैसे ये पुरवई साथिया, सुन तू कल जो मुझको नींद ना आए, पास बुला लेना गोद में अपनी सर रख लेना, लोरी सुना देना चुपके से लग जा गले रात की चादर तले चाँद की भी आहट ना हो, बादल के पीछे चले जले क़तरा-क़तरा, गले क़तरा-क़तरा रात भी ना हिले आधी-आधी रात भी ना हिले आधी-आधी ये चुपके से लग जा गले रात की चादर तले चाँद की भी आहट ना हो, बादल के पीछे चले
Writer(s): A R Rahman, Gulzar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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