Letra

लैला की सांस की डोर बंधा वो दीवाना वो मजनू है वो होश नही बेहोश बावरा नहीं जानता वो क्यूँ है बेहोश उसे रहने दो कि होश में वो आयेगा तो नींद में उसकी लैला का वो ख्वाब टूट जायेगा वो ख्वाब टूट जायेगा वो ख्वाब टूट जायेगा कोई पत्थर से ना मारे कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को दीवाने को कोई पत्थर से ना मारे कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को दीवाने को सो ही लेने दो उसका दर्द यही है दवा यही है सो ही लेने दो उसका दीन यही है जहाँ यही है सो ही लेने दो कि वो जग पड़ा तो डर जायेगा फिर बिलक जायेगा कि पेहलू में लैला नहीं है मौत भी घबरायेगी हो मौत भी घबरायेगी पास में आने को कोई पत्थर से ना मारे कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को दीवाने को रखना सम्भाल के ये पत्थर कल को वो दिन भी आयेगा जब पत्थर होगे ये मकान इनकी भी होगी इक जुबां कि दस्तान–ए लैला मजनू शख्स शख्स दोहरायेगा पत्थर का ढेर ये आज ये कल का राजमहल कहलायेगा नहीं मिल पायेगा नहीं मिल पायेगा फिर वक्त तुम्हे पछताने को कोई पत्थर से ना मारे कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को दीवाने को कोई पत्थर से ना मारे कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को दीवाने को
Writer(s): Piyush Mishra Lyrics powered by www.musixmatch.com
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