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COMPOSITION ET PAROLES
Bilal Maqsood
Paroles/Composition
Faisal Kapadia
Paroles/Composition
Zehra Nigah
Paroles
Paroles
धानी
रे, धानी चुनरिया
धानी
रे, धानी चुनरिया
बूँदे बादल के साये में लहरायेगी
मुझे तड़पायेगी, चली जायेगी
जैसे बिजुरिया
मस्तानी
रे, झोंके की सूरत में छू जायेगी
शर्मायेगी और इतरायेगी
जैसे नदिया
दीवानी
धानी
रे, धानी चुनरिया
हाए, धानी
साये में उसके बरसों का जागा
मैं सो जाऊं
उसकी सजती, सँवरती धनक में
मैं घर बनाऊं
अपने घर में कई चाँद-तारे उतारूँ-सजाऊं
खुशबुओं से भरे रास्तों में खो जाऊं
बूँदे बादल के साये में लहरायेगी
मुझे तड़पायेगी, चली जायेगी
जैसे बिजुरिया
मस्तानी
धानी
रे, धानी चुनरिया
हाए, धानी
तन उसके बारिश में धुल के हैं खिलते और निखरते
रूप उसके ज़मीनों के चेहरों से मिलते और दमकते
उसके अंदाज़ जैसे हैं मौसम आते-जाते
उसके सब रंग हँसते, रस्ते जगमगाते
बूँदे बादल के साये में लहरायेगी
मुझे तड़पायेगी, चली जायेगी
जैसे बिजुरिया
मस्तानी
धानी
रे, धानी चुनरिया
धानी
रे, धानी चुनरिया
धानी
Writer(s): Bilal Maqsood, Zehra Nigah
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