Paroles

क्यूँ दूरियाँ हैं दरमियाँ? बढ़ जाने दे नज़दीकियाँ हर साँस में महसूस कर इन साँसों की मदहोशियाँ मेरा नशा ऐसे चढ़े मेरा नशा ज़िद पे अड़े मेरा नशा ऐसे नचाए झूम, झूम, झूम, झूमता जा मेरा नशा तुझको हुआ मेरा नशा है ख़्वाब सा मेरा नशा ऐसे नचाए झूम, झूम, झूम, झूमता तू जा जिस आग में ये बदन जल रहा है मेरा, ऐ हमसफ़र तू भी उसी में जल जाएगा, जाएगा परवाने क्यूँ पर शमा पे मचलते हैं तुझको आज फिर इसका पता भी चल जाएगा मैं ही शहद, मैं ही ज़हर मुझमें तेरे शाम-ओ-सहर मेरी इन पनाहों में आकर झूम, झूम, झूम, झूमता जा मेरा नशा ऐसे चढ़े मेरा नशा ज़िद पे अड़े मेरा नशा ऐसे नचाए झूम, झूम, झूम, झूमता तू जा मैं भी हूँ तन्हा, है तू भी अकेला, है मौक़ा भी हसीं मिलने का होने दे सिलसिला, सिलसिला बिन कुछ कहे, कुछ सुने, कुछ किए, कब मैं तुझपे मर गई मुझको पता भी ना ये चला लो मर गए हम बे-क़सूर वो जी गए जिनका क़सूर हाथों से मेरी जान लेकर झूम, झूम, झूम, झूमता जा मेरा नशा ऐसे चढ़े मेरा नशा ज़िद पे अड़े मेरा नशा ऐसे नचाए झूम, झूम, झूम, झूमता तू जा
Writer(s): Pritam Chakraborty Lyrics powered by www.musixmatch.com
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