Paroles
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
दूर इतना कि हमें छू ना सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
दूर इतना कि हमें छू ना सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
फूलों और कलियों से महके हुए इक जंगल में
इक हसीं झील के साहिल पे हमारा घर हो
ओस में भीगी हुई घास पे हम चलते हों
रंग और नूर में डूबा हुआ हर मंज़र हो
मैं तुझे प्यार करूँ, मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे, मेरे सनम
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
दूर इतना कि हमें छू ना सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
शाम का रंग हो गहरा तो सितारे जागें
रात जो आए तो रेशम से अँधेरे लाए
चाँद जब झील के पानी में नहाने उतरे
मेरी बाँहों में तुझे देख के शरमा जाए
मैं तुझे प्यार करूँ, मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे, मेरे सनम
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
दूर इतना कि हमें छू ना सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जाएँ हम
Writer(s): Rajesh Nagrath, Javed Akhtar
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