Crédits
INTERPRÉTATION
Bappi Lahiri
Interprète
COMPOSITION ET PAROLES
Bappi Lahiri
Composition
Farooq Qaiser
Paroles
Paroles
दिल में हो तुम, आँखों में तुम
बोलो, तुम्हें कैसे चाहूँ?
दिल में हो तुम, आँखों में तुम
बोलो, तुम्हें कैसे चाहूँ?
पूजा करूँ? सजदा करूँ?
जैसे कहो, वैसे चाहूँ
जानू, मेरी जानू
जान-ए-जानाँ, जानू
अकेला हूँ मैं अकेला
तुम्हें फिर दिल ने पुकारा
तुम्हारी यादें सताएँ
नहीं है कोई हमारा
अकेला हूँ मैं अकेला
तुम्हें फिर दिल ने पुकारा
तुम्हारी यादें सताएँ
नहीं है कोई हमारा
दुनिया के ग़म सहता हूँ मैं
बिरहा के ग़म सह ना पाऊँ
जानू, मेरी जानू
जान-ए-जानाँ, जानू
हमेशा देखा यही है
मिलन के संग है जुदाई
शायद वो होगा दीवाना
चाहत ये जिसने बनाई
हमेशा देखा यही है
मिलन के संग है जुदाई
शायद वो होगा दीवाना
चाहत ये जिसने बनाई
चाहे जलूँ, चाहे मरूँ
फिर भी तेरे गुन मैं गाऊँ
दिल में हो तुम, आँखों में तुम
बोलो, तुम्हें कैसे चाहूँ?
पूजा करूँ? सजदा करूँ?
जैसे कहो, वैसे चाहूँ
जानू, मेरी जानू
जान-ए-जानाँ, जानू
Written by: Bappi Lahiri, Farooq Qaiser