Paroles

आरे लिट्टि बाटी के पार्टी मे जुटल गाव समाज आरे पिजजा ब्रगर के बाबु हाऊये ई लेट्टि महराज का हो... ऐ ईन्टरनेशन्ल लिट्टि-चोखा जे खईलस ना पईलस धोखा... २ युपी चाहे बिहार मे. ... गाड्र के झन्डा आई गईल हो जहा गईल सन्सार मे... २ ऐ ईन्टरनेशन्ल लिट्टि-चोखा जे खईलस ना पईलस धोखा... २ युपी चाहे बिहार मे. ... गाड्र के झन्डा आई गईल हो जहा गईल सन्सार मे... २ ईहे खाय दादा परदादा माटी के सान बड्रोले हो सुनी नाम मोरे ससले झ्न्डा भोजपुरीया लहड्र्ले हो ऐ दरोगा जी तुहु वोहे मटी के बेटा गाव के सान बढैईहअ, बेटी- बहु समाज के इज्जत कोनो तरह बचैईह वीर कुवर सिह चितु पड्रे, अब्बदुल हमिद बभईहो बाड्रे हमनी के परिवार मे... गाड्र के झन्डा आई गईल हो जहा गईल सन्सार मे... २ ऐकरा मे बा सतुआ चना के, लहसुन मिर्ची नामकीआ बा जीरा जनाइन मरिच मीलल बा भरल स्वाद ऐ मे पकीआ बा लिट्टि खाई देह बनाई, स्वाद बड्री मजेदार बा, देशी घियु के देशी खुश्बु बाटे ऐह मे यार आरे लईका खाई सेयान हो जाई, बुढवा खाई जवान हो जाई अस्सि के रफ़्तार मे... गाड्र के झन्डा आई गईल हो जहा गईल सन्सार मे... २ ऐ ईन्टरनेशन्ल लिट्टि-चोखा जे खईलस ना पईलस धोखा... २ युपी चाहे बिहार मे. ... गाड्र के झन्डा आई गईल हो जहा गईल सन्सार मे... ४
Writer(s): Bihari Vinay, Sinha Lal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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