Crédits
INTERPRÉTATION
Romy
Interprète
Pawni Pandey
Interprète
Anushka Sharma
Interprétation
Diljit Dosanjh
Interprétation
COMPOSITION ET PAROLES
Shashwat Sachdev
Composition
Anvita Dutt
Paroles
Paroles
[Verse 1]
तुझसे ऐसा उलझा दिल धागा धागा खिचा
[Verse 2]
तुझसे ऐसा उलझा दिल धागा धागा खिचा
दरगा पे जैसे हो चादरों सा बिछा
[Verse 3]
यूँही रोज़ ये उधड़ा बुना
क़िस्सा इश्क का कई बार
हमने फिर से लिखा
[Verse 4]
साहिबा साहिबा
चल वहां जहाँ मिर्ज़ा
साहिबा साहिबा
चल वहां जहाँ मिर्ज़ा
[Verse 5]
खाली चिट्ठियां थी
तुझे रो रो के लगा भेजी
मोहर इश्का की इश्का की हाए
[Verse 6]
कागज़ की कश्ती
मेरे दिल की थी डूबा बैठी
लहर अशका की हाए
[Verse 7]
बेसुरी दिल की ये धुन
करता दलीले तू सुन
आई ना तोह तू ही पहचाने ना
जो हूं वो माने ना
ना अजनबी तू बन अभी
[Verse 8]
हेंख है दिल में उठी
आलापों सी है बजी
साँसों में तू मद्धम से रागों सा
केसर के धागों सा
यूँ घुल गया मैं गुम गया
[Verse 9]
ओ दिल पे धुंधला सा
सलेटी रंग कैसा चढ़ा
[Verse 10]
तुझसे ऐसा उलझा
दिल धागा धागा खिचा
दरगा पे जैसे हो चादरों सा बिछा
[Verse 11]
यूँही रोज़ ये उधड़ा बुना
क़िस्सा इश्क का कई बार
हमने फिर से लिखा
[Verse 12]
साहिबा साहिबा
चल वहां जहाँ मिर्ज़ा
साहिबा साहिबा
चल वहां जहाँ मिर्ज़ा
[Verse 13]
ओ साहिबा ओ साहिबा
हिज्र की चोट है लागी रे
ओ साहिबा
जिगर हुआ है बाग़ी रे
ज़िद बेहद हुई रटती है ज़ुबान
ओ तेरे बिना
[Verse 14]
ओ तेरे बिना (सांस भी)
(कनच सी कांच सी काटे काटे रे)
ओ तेरे बिना
(जिंद'दी राख सी राख सी लगे रे)
[Verse 15]
ओ तेरे बिना साँस भी
(कनच सी कांच सी काटे काटे रे)
ओ तेरे बिना
(जिंद'दी राख सी राख सी लगे रे)
[Verse 16]
ओ तेरे बिना साँस भी
(कनच सी कांच सी काटे काटे रे)
ओ तेरे बिना
(जिंद'दी राख सी राख सी लगे रे)
Written by: Anvita Dutt, Anvita Dutt Guptan, Shashwat Sachdev

