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Crédits
INTERPRÉTATION
Mohammed Rafi
Interprète
COMPOSITION ET PAROLES
Prem Dhawan
Paroles/Composition
Paroles
अगर बेवफ़ा तुझको पहचान जाते
खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते
जो मालूम होता ये अंज़ाम-ए-उल्फ़त तो
दिल को लगाने की जुर्रत ना करते
अगर बेवफ़ा तुझको पहचान जाते
खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते
जिन्हें तुमने समझा मेरी बेवफ़ाई
मेरी ज़िंदगी की वो मजबूरियाँ थी
जिन्हें तुमने समझा...
हमारी मोहब्बत का इक इम्तिहाँ था
ये दो दिन की थोड़ी सी जो दूरियाँ थी, जो दूरियाँ थी
अगर सच्ची होती मोहब्बत तुम्हारी तो
घबराके तुम यूँ शिकायत ना करते
अगर बेवफ़ा तुझको पहचान जाते
खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते
जो हम पे है गुज़री हम ही जानते हैं
सितम कौन सा है नहीं जो उठाया?
जो हम पे है गुज़री...
निगाहों में फिर भी रहे तेरी सूरत
हर इक साँस में तेरा पैग़ाम आया, पैग़ाम आया
अगर जानते तुम ही इल्ज़ाम दोगे तो
भूले से भी हम तो उलफ़त ना करते
अगर बेवफ़ा तुझको पहचान जाते
खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते
Writer(s): Prem Dhawan
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