Paroles

एक अकेला इस शहर में रात में और दोपहर में आबोदाना ढूँढता है आशियाना ढूँढता है एक अकेला इस शहर में रात में और दोपहर में आबोदाना ढूँढता है आशियाना ढूँढता है एक अकेला इस शहर में दिन खाली-खाली बर्तन है दिन खाली-खाली बर्तन है और रात है जैसे अंधा कुआँ इन सूनी अँधेरी आँखों में आँसू की जगह आता है धुआँ जीने की वजह तो कोई नहीं मरने का बहाना ढूँढता है ढूँढता है, ढूँढता है एक अकेला इस शहर में रात में और दोपहर में आबोदाना ढूँढता है आशियाना ढूँढता है एक अकेला इस शहर में इन उम्र से लंबी सड़कों को इन उम्र से लंबी सड़कों को मंज़िल पे पहुँचते देखा नहीं बस दौड़ती-फिरती रहती हैं हमने तो ठहरते देखा नहीं इस अजनबी से शहर में जाना-पहचाना ढूँढता है ढूँढता है, ढूँढता है एक अकेला इस शहर में रात में और दोपहर में आबोदाना ढूँढता है आशियाना ढूँढता है एक अकेला इस शहर में
Writer(s): Jaidev, Gulzar Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out