Crédits

INTERPRÉTATION
Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar
Interprète
Kishore Kumar
Kishore Kumar
Interprète
Sharmila Tagore
Sharmila Tagore
Interprétation
Rajesh Khanna
Rajesh Khanna
Interprétation
COMPOSITION ET PAROLES
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Composition
Sahir Ludhianvi
Sahir Ludhianvi
Paroles/Composition

Paroles

अब चाहे माँ रूठे या बाबा, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे माँ रूठे या बाबा, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे सर फूटे या माथा, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
अब चाहे सर फूटे या माथा, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
हो, मैंने तुझ पे नीयत धर ली (मैंने हँस कर हामी भर ली)
यारी छूटे ना (टूटे ना) "हाँ" कर ली तो कर ली
अब चाहे माँ रूठे या बाबा, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे सर फूटे या माथा, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
तू है मुद्दत से दिल में समाई (कब कहा मैंने मैं हूँ पराई?)
तू है मुद्दत से दिल में समाई (कब कहा मैंने मैं हूँ पराई?)
जब तुझे मैंने देखा तू भाई (मैं उसी वक़्त क़दमों में आई)
बर्फ़ के फ़र्श पर (प्यार के अर्श पर)
ओ, चाँदनी के तले (जब मिले थे गले)
जिस्म लहराए थे, होंठ थर्राए थे
तब ये ली थी क़सम, अब ना बिछड़ेंगे हम
अब चाहे काँटे मिलें या कलियाँ, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे काँटे मिलें या कलियाँ, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे लग जाएँ हथकड़ियाँ, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
अब चाहे लग जाएँ हथकड़ियाँ, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
मैंने तुझ पे नीयत धर ली (मैंने हँस कर हामी भर ली)
ओ, यारी छूटे ना (टूटे ना) "हाँ" कर ली तो कर ली
अब चाहे माँ रूठे या बाबा, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे सर फूटे या माथा, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
लाख पहरे ज़माना बिठाए (लाख दीवारें दुनिया उठाए)
लाख पहरे ज़माना बिठाए (लाख दीवारें दुनिया उठाए)
अब क़दम पीछे हटने ना पाएँ (प्यार पर कोई तोहमत ना आए)
चाहे धरती कटे (ओ, चाहे अंबर फटे)
बोल टूटे ना अब (ओ, साथ छूटे ना अब)
जान जाए तो क्या, मौत आए तो क्या
प्यार ज़िंदा रहे, यार ज़िंदा रहे
अब चाहे घर छूटे या सखियाँ, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे घर छूटे या सखियाँ, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली (وای وای)
अब चाहे रब रूठे या दुनिया, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
अब चाहे रब रूठे या दुनिया, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
मैंने तुझ पे नीयत धर ली (मैंने हँस कर हामी भर ली)
ओ, यारी छूटे ना (टूटे ना) "हाँ" कर ली तो कर ली
अब चाहे काँटे मिलें या कलियाँ (अब चाहे लग जाएँ हथकड़ियाँ)
अब चाहे घर छूटे या सखियाँ (अब चाहे रब रूठे या दुनिया)
अब चाहे माँ रूठे या बाबा, यारा, मैंने तो "हाँ" कर ली
अब चाहे सर फूटे या माथा, मैंने तेरी बाँह पकड़ ली
Written by: Laxmikant-Pyarelal, Sahir Ludhianvi
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