Paroles

चेहरा है या चाँद खिला है ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या चेहरा है या चाँद खिला है ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या हाँ, तू क्या जाने तेरी खातिर कितना है बेताब ये दिल तू क्या जाने देख रहा है कैसे कैसे ख्वाब ये दिल दिल कहता है, तू है यहाँ तो जाता लम्हा थम जाये वक़्त का दरिया बहते बहते इस मंजर में जम जाये तूने दीवाना दिल को बनाया इस दिल पे इल्ज़ाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या आज मैं तुझसे दूर सही और तू मुझसे अन्जान सही तेरा साथ नहीं पाऊं तो खैर तेरा अरमान सही हाँ, ये अरमान हैं शोर नहीं हो खामोशी के मेले हों इस दुनिया में कोई नहीं हो हम दोनो ही अकेले हों तेरे सपने देख रहा हूँ और मेरा अब काम है क्या सागर जैसी आँखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या चेहरा है या चाँद खिला है ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या सागर जैसी आँखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या
Writer(s): Javed Akhtar, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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