Titres les plus populaires de Jagjit Singh
Crédits
INTERPRÉTATION
Jagjit Singh
Interprète
COMPOSITION ET PAROLES
Jagjit Singh
Composition
Sudarshan Faakir
Paroles/Composition
PRODUCTION ET INGÉNIERIE
Jagjit Singh
Production
Paroles
आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है?
आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है?
ज़ख़्म हर सर पे, हर इक हाथ में पत्थर क्यूँ है?
आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है?
जब हक़ीक़त है के हर ज़र्रे में तू रहता है
जब हक़ीक़त है के हर ज़र्रे में तू रहता है
फिर ज़मीं पर कहीं मस्जिद, कहीं मंदिर क्यूँ है?
ज़ख़्म हर सर पे, हर इक हाथ में पत्थर क्यूँ है?
आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है?
अपना अंजाम तो मालूम है सबको फिर भी
अपना अंजाम तो मालूम है सबको फिर भी
अपनी नज़रों में हर इंसान सिकंदर क्यूँ है?
ज़ख़्म हर सर पे, हर इक हाथ में पत्थर क्यूँ है?
आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है?
ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल ही नहीं अब फ़ाकिर
ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल ही नहीं अब फ़ाकिर
वरना हर आँख में अश्क़ों का समुंदर क्यूँ है?
ज़ख़्म हर सर पे, हर इक हाथ में पत्थर क्यूँ है?
आज के दौर में ऐ दोस्त ये मंज़र क्यूँ है?
Writer(s): Sudarshan Faakir, Jagjit Singh
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