Paroles

क्या करेगी तू घर से निकल के जाएगी तू कहाँ क्या देखेगी तू ताज महल को मैं ना हू जो वहाँ क्या नज़र और क्या नज़ारे कुछ नहीं इनमें बात नगरी नगरी क्या ढूंदेगी मैं नहीं जो तेरे साथ कभी आना तू मेरी गली तुझे पलकों पे रखूँगा जी बात दिल की काहु हिन्दुस्तानी जो हू जब जी चाहे तो आ जाना जी कभी आना तू मेरी गली कभी आना तू मेरी गली क्या करेगी तू कश्मीर जाके स्वराग तेरा यहाँ क्या बैठेगी तू गंगा किनारे मैं ना हू जो वहाँ क्या जन्नत और क्या ये तीरथ कुछ नहीं तेरे काम हो जाएँगे धाम सारे लेगी जब मेरा नाम कभी आना तू मेरी गली तुझे पलकों पे रखूँगा जी कभी आना तू मेरी गली तुझे दिल में बसा लूँगा जी बात दिल की कहु हिन्दुस्तानी जो हू जब जी चाहे तो आ जाना जी बात दिल की कहु और दिल से ही सुनू जब जी चाहे तो आ जाना जी कभी आना तू मेरी गली कभी आना तू मेरी गली समझी क्या? ए गुरु फाटा फ़ाटी मेरे दिल के मुहल्ले में आके दिल लगा के तो जा सारी गलियाँ तुझे ही पुकारे आ के तू सुन ज़रा ना चिनार है ना पहाड़ है ना समुंदर यहाँ फिर भी शहरो का शहर है मैं तो हू जो यहाँ हे, कभी आना तू मेरी गली तुझे पलकों पे रखूँगा जी कभी आना तू मेरी गली तुझे दिल में बसा लूँगा जी बात दिल की कहु हिन्दुस्तानी जो हू जब जी चाहे तो कभी आना तू मेरी गली तुझे पलकों पे रखूँगा जी कभी आना तू अपनी गली तुझे दिल में बसा लूँगा जी बात दिल की कहु हिन्दुस्तानी जो हू जब जी चाहे तो आ जाना जी बात दिल की कहु और दिल से ही सुनू जब जी चाहे तो आ जाना जी बात दिल की कहु तेरे दिल में राहु जब जी चाहे तो आ जाना जी कभी आना तू मेरी गली कभी आना तू मेरी गली कभी आना तू अपनी गली कभी आना तू मेरी गली रोज़-रोज़ मेरी गली आना है बुरा आ के बिना बात किए जाना है बुरा
Writer(s): Dj Palash, Palash Dahlia Lyrics powered by www.musixmatch.com
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