Paroles

क़ाफ़िले नूर के तेरे संग-संग चले आसमाँ में चाँद भी जैसे हैं खिले-खिले क़ाफ़िले नूर के तेरे संग-संग चले आसमाँ में चाँद भी जैसे हैं खिले-खिले कहकशाँओं से तेरी ज़मीं सजी खूबसूरत हो गया आलम सभी Hmm, दे इजाज़त तू मुझे, इश्क़ कर लूँ मैं तुझे क़ाफ़िले नूर के तेरे संग-संग चले आसमाँ में चाँद भी जैसे हैं खिले-खिले तेरे जलवों की बारिश कभी थमती नहीं प्यार की मेरी ख़ाहिश कभी घटती नहीं तेरे जलवों की बारिश कभी थमती नहीं प्यार की मेरी ख़ाहिश कभी घटती नहीं हूर जन्नत की मुझे लगती है तू मेरी नज़रों को बड़ी जँचती है तू देख मंज़र बढ़ गए हैं हौसले क़ाफ़िले नूर के तेरे संग-संग चले आसमाँ में चाँद भी जैसे हैं खिले-खिले छा गया मुझ पे ऐसा तेरा ही खुमार कर ले महफ़िल में तेरी अब तो मेरा शुमार हो, छा गया मुझ पे ऐसा तेरा ही खुमार कर ले महफ़िल में तेरी अब तो मेरा शुमार अपनी साँसों में मुझे बसा ले तू तुझ पे मरने का मुझे सिला दे तू अब तो कर ले कुछ-न-कुछ तू फ़ैसले क़ाफ़िले नूर के तेरे संग-संग चले आसमाँ में चाँद भी जैसे हैं खिले-खिले
Writer(s): Rashid Khan, S Faheem Ahmed Lyrics powered by www.musixmatch.com
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