Titres les plus populaires de K. Mohan
Crédits
INTERPRÉTATION
K. Mohan
Interprète
Manoj Bajpai
Interprétation
Tillotama Shome
Interprétation
COMPOSITION ET PAROLES
Sidhant Mathur
Composition
Gopal Dutt
Paroles
Paroles
भोर का एक तारा ग़ुम होने से पहले
आँगन में आके गिरा रे, गिरा रे
धुँधला सा सपना रात के अँधियारे से
चुपके से बच के निकला रे
आधी रात का आधा ख़्वाब सा
अध-जगा सा ये पल
हौले-हौले से ज़िन्दगी में
कुछ गया है बदल, ओ
सपने जब सुबह उठकर संग-संग चलने लगते हैं
आँखों पर छा जाते हैं, दुनिया रंगने लगते हैं
सपने जब सुबह उठकर संग-संग चलने लगते हैं
हो, अपने ही रंगों में रंगने, ढलने लगते हैं
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी तू
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी तू
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी तू
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी, उड़ी, उड़ी, उड़ी जा तू
बेपरवाह सा एक परिंदा तू (एक परिंदा)
बेफ़िकरा सा उड़ता जाना तू
बादलों सा बहता जा रे तू
दुनिया तुझको रोक ना पाए
जाना इतनी दूर, इतनी दूर, इतनी-इतनी दूर
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी तू
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी तू
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी तू
उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी, उड़ी जा, उड़ी जा उड़ी
उड़ी, उड़ी, उड़ी, उड़ी जा तू
इतनी-इतनी दूर
इतनी दूर
Writer(s): Gopal Dutt, Siddhant Mathur
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