Crédits

INTERPRÉTATION
Sonu Nigam
Sonu Nigam
Chant
Alka Yagnik
Alka Yagnik
Chant
Prashant Samaddar
Prashant Samaddar
Chant
Hrithik Roshan
Hrithik Roshan
Interprétation
Jaya Bachchan
Jaya Bachchan
Interprétation
Karishma Kapoor
Karishma Kapoor
Interprétation
Khalid Mohamed
Khalid Mohamed
Direction d’orchestre
COMPOSITION ET PAROLES
Anu Malik
Anu Malik
Composition
Gulzar
Gulzar
Paroles
PRODUCTION ET INGÉNIERIE
Pradeep Guha
Pradeep Guha
Production

Paroles

[Verse 1]
फ़िज़ा
फ़िज़ा
फ़िज़ा
हाए फ़िज़ा
[Verse 2]
तू हवा है फ़िज़ा है ज़मीन की नहीं
तू घटा है तोह फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू पंछियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ
[Verse 3]
तू हवा है फ़िज़ा है ज़मीन की नहीं
तू घटा है तोह फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू पंछियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ
[Verse 4]
मैं हवा हूं कहीं भी ठहरती नहीं
रुक भी जाऊं कहीं पर तोह रहती नहीं
मैंने तिनके उठाए हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा
[Verse 5]
घने एक पेढ़ से मुझे
झोंका कोई लेके आया है
सूखे इक्क पत्ते की तरह
हवा ने हर तरफ़ उड़ाया है
[Verse 6]
आ ना आ
हे आ ना आ इक्क दफ़ा
इस ज़मीन से उठाएँ
पाओं रखे हवा पर
ज़रा सा उड़ें
[Verse 7]
चल चलें हम जहाँ कोई रस्ता ना हो
कोइ रहता ना हो कोइ बसता ना हो
कहते हैं आंखों में मिलती है ऐसी जगह
[Verse 8]
फ़िज़ा
फ़िज़ा
[Verse 9]
मैं हवा हूं कहीं भी ठहरती नहीं
रुक भी जाऊं कहीं पर तोह रहती नहीं
मैंने तिनके उठाए हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा
[Verse 10]
तुम मिले तोह क्यूं लगा मुझे
ख़ुद से मुलाकात हो गई
कुछ भी तोह कहा नहीं मगर
ज़िंदगी से बात हो गई
[Verse 11]
आ ना आ
हे आ ना आ साथ बैठें
ज़रा देर तोह
हाथ थामे रहें और
कुछ ना कहें
[Verse 12]
छू के देखें तोह आंखों की खामोशियां
कितनी चुपचाप होती हैं सरगोशियां
सुनते हैं आंखों में होती है ऐसी सदा
[Verse 13]
फ़िज़ा
फ़िज़ा
[Verse 14]
तू हवा है फ़िज़ा है ज़मीन की नहीं
तू घटा है तोह फिर क्यों बरसती नहीं
उड़ती रहती है तू पंछियों की तरह
आ मेरे आशियाने में आ
[Verse 15]
मैं हवा हूं कहीं भी ठहरती नहीं
रुक भी जाऊं कहीं पर तोह रहती नहीं
मैंने तिनके उठाए हुए हैं परों पर
आशियाना नहीं है मेरा
Written by: Anu Malik, Gulzar
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