Paroles

मुझे लगा था तू रुकेगा मेरी ज़िंदगी में जब से गया है ज़िंदगी से नहीं हँसी मैं ऐसा मेरे साथ ही होता है क्यूँ? हर बारी आता कोई मेरी ज़िंदगी में बिना बोले चला जाता मेरी ज़िंदगी से ऐसा मेरे साथ ही होता है क्यूँ? जिसे चाहा था सबसे ज़्यादा वो ही छोड़ के मुझे आधा गया, हाँ-हाँ-हाँ नहीं करना भरोसा मुझे अब किसी पे जिसे जाना है वो चला जाए ज़िंदगी से और, हाँ, कभी वापस मुड़ के आना ना इसमें भी मेरी ही तो ग़लती होगी मैं ही तो बातों से ना पलटती हूँगी मेरी ही बंदियों से जलती होगी ना? उसमें तो पक्का मेरी ग़लती होती है 'गर तेरे साथ में भी चल दी होती नहीं पता कि आगे जाके होता क्या तुझे नहीं था भरोसा तो तू बोल देता मुँह पे आ के मेरी आँखें दोनों खोल देता पर ना, तुझसे ये भी हुआ नहीं हाँ, जिसे चाहा था सबसे ज़्यादा वो ही छोड़ के मुझे आधा गया, हाँ-हाँ-हाँ Uh, तो जो चला गया, जाने दो ना ज़िंदगी से जिसे आना होगा आएगा वो ज़िंदगी में अब तो मुझे घंटा फ़रक़ नहीं पड़ता है क्योंकि हो गया है प्यार मुझे अब ख़ुद ही से अब जाना नहीं कभी इस बेख़ुदी में और, हाँ, ये प्यार-व्यार बस का ना
Writer(s): Aditya Bhardwaj Lyrics powered by www.musixmatch.com
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