Paroles

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना ओ, लगे ग़म गले तो मेरे दिल में आ जाना मेरा घर जलाने वाले, सुन मेरी ओ, तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना मगर, आना इस तरह से के फ़िर लौट के ना जाना ओ, कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना ओ, लगे ग़म गले तो मेरे दिल में आ जाना ओ, मेरा घर जलाने वाले, सुन मेरी ओ, तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना मगर, आना इस तरह से के फ़िर लौट के ना जाना जब तेरे अपने भी तुझे छोड़ के जाएँगे और पानी में मिला के ज़हर पिलाएँगे ओ, जब तेरे अपने भी तुझे छोड़ के जाएँगे और पानी में मिला के तुझे ज़हर पिलाएँगे वही हाथ काँपेंगे तेरे जो हाथ मिलाएँगे जिन्हें "जान", "जान" कहते हो, वही जान ले जाएँगे कौन अपना है तेरा, कौन पराया ओ, ये ना पता चले तो मेरे दिल में आ जाना मगर, आना इस तरह से के फ़िर लौट के ना जाना ओ, कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना ओ, लगे ग़म गले तो मेरे दिल में आ जाना ओ, मेरा घर जलाने वाले, सुन मेरी ओ, तेरा घर जले तो मेरे दिल में आ जाना मगर, आना इस तरह से के फ़िर लौट के ना जाना
Writer(s): Nida Fazli, M. M. Kreem Lyrics powered by www.musixmatch.com
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