Paroles

दिल को आया सकूँ तेरे दीदार से, हाए दिल को आया सकूँ तेरे दीदार से अब ना होना रुख़सत अपने दिलदार से, हाए बिन तेरे एक लम्हा अब रह नहीं पाता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है बिन तेरे एक लम्हा अब रह नहीं पाता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है कभी आहें भरता है, कभी दिल धड़काता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है दर्द तनहाई का, दूरियों का मौसम ना जिया जाए, ना बेकसी का आलम तेरे एहसासों की चादरें बुनती हूँ मैं तेरे ख़ाबों को नींद में चुनती हूँ ओ, दिल को आया सुकूँ तेरे दीदार से अब ना होना रुख़सत अपने दिलदार से, हाए बिन तेरे एक लम्हा अब रह नहीं पाता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है कभी आहें भरता है, कभी दिल धड़काता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ अल्लाह, अल्लाह, अल्लाह तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ अल्लाह, अल्लाह, अल्लाह बस तेरे पहलू में जीने की चाहत है ज़िंदगी तू मेरी, तुझसे ही राहत है जब दुआ माँगी है, बस तुझे माँगा है साँसों की गलियों में तुझको ही पाया है ओ, दिल को आया सुकूँ तेरे दीदार से अब ना होना रुख़सत अपने दिलदार से, हाए बिन तेरे एक लम्हा अब रह नहीं पाता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है बिन तेरे एक लम्हा अब रह नहीं पाता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है कभी आहें भरता है, कभी दिल धड़काता है ये इश्क़, मेरे अल्लाह, कितना तड़पाता है तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ तेरा इश्क़-इश्क़, इश्क़-इश्क़ अल्लाह, अल्लाह, अल्लाह
Writer(s): Sameer Anjaan, Sajid Khan, Wajid Khan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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