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INTERPRÉTATION
Prateek Kuhad
Prateek Kuhad
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COMPOSITION ET PAROLES
Prateek Kuhad
Prateek Kuhad
Paroles/Composition

Paroles

[Verse 1]
तेरे सपनों के बादल पे
सुंदर समा है महफिल जवान
हवाओं ने चीखा है शामिल भी शाम
मुकद्दर सिकंदर का भी मान'ना है
के मेरा छोटा सा घर है यहां
तू चाहे या ना चाहे जां
[Verse 2]
जो परदे उठे तू कहां मैं यहीं हूं
मैं करवटें बदलता हूं सोता नहीं हूं
तू सपनों की रानी मैं रातों का राजा
तू भोली कहानी मैं आँधी का वादा
है किसकी ये मर्ज़ी ये किसने लिखा
तू चाहे या ना चाहे जां
तू चाहे या ना चाहे जां
तू चाहे या ना चाहे जान
[Verse 3]
आजा समा में तारे ना देखे
होश उड़ाने वाले राहें ना मिलें
रक्त ही रहे लाल स्याही की चीठी
भीगे कागज़ का अधूरा सूना फ़साना
[Verse 4]
है लाल नीली पीली ये मन की तरंगें
सब हँसते है मुझपे
फिर जलते सभी हैं
हवाओं ने चीखा है शामिल भी शाम
मुकद्दर सिकंदर का भी मान'ना है
के मेरा छोटा सा घर है यहां
तू चाहे या ना चाहे जान
तू चाहे या ना चाहे जान
तू चाहे या ना चाहे जान
Written by: Prateek Kuhad
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