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INTERPRÉTATION
Hariharan
Hariharan
Interprète
COMPOSITION ET PAROLES
Hariharan
Hariharan
Composition
Tahir Faraz
Tahir Faraz
Paroles
Munavar Masoom
Munavar Masoom
Paroles
Muzafir Warsi
Muzafir Warsi
Paroles
Wali Aasi
Wali Aasi
Paroles
Kaif Bhupali
Kaif Bhupali
Paroles
Kaizer-Ul-Zafari
Kaizer-Ul-Zafari
Paroles
Shaharyar
Shaharyar
Paroles

Paroles

हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
हम भी अंजाम की परवाह ना करते, यारों
हम भी अंजाम की परवाह ना करते, यारों
जान हमने भी हथेली पे उठा रखी है
जान हमने भी हथेली पे उठा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
शायद आ जाए कोई हमसे ज़्यादा प्यासा
शायद आ जाए कोई हमसे ज़्यादा प्यासा
बस यही सोच के थोड़ी सी बचा रखी है
बस यही सोच के थोड़ी सी बचा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
तुम हमें क़त्ल तो करने नहीं आए, लेकिन
तुम हमें क़त्ल तो करने नहीं आए, लेकिन
आसतीनों में ये क्या चीज़ छुपा रखी है?
आसतीनों में ये क्या चीज़ छुपा रखी है?
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
हमने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
Written by: Hariharan, Hariharan Anantha Subramani, Kaif Bhupali, Kaizer-Ul-Zafari, Munavar Masoom, Muzafir Warsi, Shaharyar, Tahir Faraz, Wali Aasi
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