क्रेडिट्स

PERFORMING ARTISTS
Jaspal Singh
Jaspal Singh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Ravindra Jain
Ravindra Jain
Composer

गाने

गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल
गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल
ऊ, बंधु रे
हँसते-हँसाते बीते हर घड़ी, हर पल
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल) ऊ, साथी
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
खुला-खुला गगन, ये हरी-भरी धरती
जितना भी देखो, तबियत नहीं भरती (ऊ)
ऊ, सुंदर से सुंदर हर एक रचना
फूल कहें, "काँटों में भी सीखो हँसना"
(ऊ, साथी, सीखो हँसना)
ऊ, राही रे (आ)
कुम्हला ना जाए कहीं मन तेरा कोमल
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
ऊ, साथी
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
(हई, हो)
(हई, हो)
(हैया, हो)
ऊ-हो, हो
(ऊ-हो, हो)
Oo
चांदी सा चमकता ये नदिया का पानी
पानी की हर एक बूँद देती ज़िंदगानी (ऊ)
ऊ, अंबर से बरसे, ज़मीन से मिले
नीर के बिना तो, भैया, काम ना चले
(ओ, भैया, काम ना चले)
ऊ, मेघा रे (आ)
जल जो ना होता तो ये जग जाता जल
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
ऊ, साथी
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
कहां से तू आया और कहां तुझे जाना है?
खुश है वही जो इस बात से बेगाना है (ऊ)
ऊ, चल, चल, चलती हवाएँ करें शोर
उड़ते पखेरू खींचें मनवा की डोर
(ऊ, खींचे मनवा की डोर)
ऊ, पंछी रे (आ)
पंछियों के पंख लेके हो जा तू ओझल
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
ऊ, साथी
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता) चल, रे, चल
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
(गीत गाता चल, ऊ, साथी, गुनगुनाता चल)
Written by: Ravindra Jain
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