क्रेडिट्स
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Usha Khanna
Composer
Kamal Joshi
Composer
Indeevar
Songwriter
गाने
जिसका दर्शन करने को सूरज निकलता है, वो तुम हो
जिसका दर्शन करने को सूरज निकलता है, वो तुम हो
जिसकी चमक चुराने को ये चाँद मचलता है, वो तुम हो
वो तुम हो, वो तुम हो
जिसका दर्शन करने को सूरज निकलता है, वो तुम हो
नज़र मिली जब तुमसे, कोई और नज़र ना आया
कोई और नज़र ना आया
तुम्हें बनाकर रब ने अपना सुंदर रूप दिखाया
सुंदर रूप दिखाया
जिसके सामने आने को दर्पन तड़पता है, वो तुम हो
जिसके सामने आने को दर्पन तड़पता है, वो तुम हो
वो तुम हो, वो तुम हो
जिसका दर्शन करने को सूरज निकलता है, वो तुम हो
तार से ताल निकलते हैं संगीत बसा बातों में
संगीत बसा बातों में
क़िस्मत लिख सकती हो तुम, वो कला छुपी हाथों में
वो कला छुपी हाथों में
जिस से हाथ मिलने को हर कोई तरसता है, वो तुम हो
जिस से हाथ मिलने को हर कोई तरसता है, वो तुम हो
वो तुम हो, वो तुम हो
जिसका दर्शन करने को सूरज निकलता है, वो तुम हो
जिसकी चमक चुराने को ये चाँद मचलता है, वो तुम हो
वो तुम हो, वो तुम हो
Written by: Indeevar, Kamal Joshi, Usha Khanna