गाने

था मैं खोया, खुद को ढूँढ़ रहा हूँ क्या थी मंज़िल मेरी, भूल चुका हूँ अब तो जाने दे, जाने-जाने दे खुद को खुद से, मुझको मिलाने दे था मैं था मैं था मैं खुद को खुद से, मुझको मिलाने दे पगला था, अटका मैं, कतराता था मैं थोड़ा कितना मैं! कितना मैं! कितना मैं! मैं कितना रोया! अब मंज़िल को पाने दे खुद को खुद से, मुझको मिलाने दे मंज़िल दूर नहीं, साहिल है सामने जो तू समझा नहीं, उसको अब तू जाने दे खुद को जान ले, मान ले, अब ये तो तू पहचान ले जिस बात से तू भागता, वो तुझमें ही तो घात रे अब जान ले, ये मान ले, तू ही खुद का सहारा है तेरे ख़्वाब को और मंज़िलों को करे तू ही तो हाँ साकार रे, साकार रे ये जान ले, ये मान ले, हो, हो, हो, आ, आ था मैं खोया, खुद को ढूँढ़ रहा हूँ क्या थी मंज़िल मेरी, भूल चुका हूँ अब तो जाने दे, जाने-जाने दे खुद को खुद से, मुझको मिलाने दे
Writer(s): Aseem Dhaneshwar, Aseem Anand Kurhekar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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