गाने

दिल का कोई टुकड़ा कभी दिल से जुदा होता नहीं अपना कोई जैसा भी हो, अपना है वो, दूजा नहीं यही वो मिलन है जो सचमुच है दिल का क़रार, क्या कहना खिले-खिले चेहरों से आज घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना ऐ दिल, लाया है बहार अपनों का प्यार, क्या कहना मिले हम, छलक उठा ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना कुछ अपने ही तक यूँ नहीं ये है सवाल सबके लिए जीना है तो जग में जियो बनके मिसाल सबके लिए देखो, कैसा महक रहा प्यार भरी बाँहों का हार, क्या कहना खिले-खिले चेहरों से आज घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना ऐ दिल, लाया है बहार अपनों का प्यार, क्या कहना मिले हम, छलक उठा ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना जो हो गया सो हो गया लोगों से तू डरना नहीं साथी तेरे हैं और भी दुनिया में तू तन्हा नहीं सामना करेंगे मिलके, चाहे दस हो चाहे हज़ार, क्या कहना खिले-खिले चेहरों से आज जग है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना ऐ दिल, लाया है बहार अपनों का प्यार, क्या कहना मिले हम, छलक उठा ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना खिले-खिले चेहरों से आज घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना खिले-खिले चेहरों से आज घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rajesh Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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