गाने

अपणा रूप-रंग सजाऊँ मेहंदी हाथा में लगवाऊँ पायल कंगण भी मँगवाऊँ फेर नीर भरण मैं जाऊँ पायल कंगण भी मँगवाऊँ फेर नीर भरण मैं जाऊँ घूँघट काणा सा काढू ना कसर घालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी गाँव में होवैगा आज खुड़का जुत्ती मड़कण आली पहरु छिड़ैगी बहुआ में तकरार जब मैं हवा की तरिया लहरु सोने की गुठी गले में हार डालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी झुमके काना के नै ल्याणे मोटा पहरणा सै कोका टीका लाल रंग का ल्याणा देणा तागड़ी तै मौका मेरी चोटी न्यू बोल्लै ढूँगे गैल हालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी मेरा बलम कमावै चोखे लाणे चूंदड़ में सितारे मुकेश जाजी तेरी कलम या लिखै गीत प्यारे होठा पै लाली आँख्या काजल घालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी (५२ गज का दामण पहर) (मटक के चालूँगी) (५२ गज का दामण पहर) (मटक के चालूँगी) सोने की गुठी गले म हार डालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी ५२ गज का दामण पहर मटक के चालूँगी
Writer(s): Renuka Panwer, Rishav Kumar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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