गाने

जब तेरे आसपास रहता हूँ मैं दिन अच्छे जाते हैं थपकियाँ देती हैं जब बातें तेरी नींद अच्छी आती है मेरे हर दुख की दवा तू मैं दूर तुझसे रहा क्यूँ? मेरा ही मुझको पता है तेरा क्या है, तू ही बता दे मैं जानूँ ना कि... तेरा तोहफ़ा हूँ मैं या सज़ा हूँ क्या हूँ? क्या ही कहूँ क्यों उलझा हूँ तेरा तोहफ़ा हूँ मैं या सज़ा हूँ क्या हूँ? क्या ही कहूँ क्यों उलझा हूँ हैं जो सिलसिले, इनके सिले आगे हों क्या? हम जानें ना, फिर भी जवाब ढूँढें तो क्यूँ? तू मुझसे मिले, हँस के मिले, हँस के विदा इसके सिवा हम कोई ख़्वाब ढूँढें तो क्यूँ? कल क्या हो किसको पता? यूँ बैठे सोचें बेवजह क्यूँ? होना है जैसा भी, होगा तो वैसा ही फिर भी कभी सोचता हूँ मैं कि... तेरा तोहफ़ा हूँ मैं या सज़ा हूँ क्या हूँ? क्या ही कहूँ क्यों उलझा हूँ तेरा तोहफ़ा हूँ मैं या सज़ा हूँ क्या हूँ? क्या ही कहूँ क्यों उलझा हूँ
Writer(s): Vayu Lyrics powered by www.musixmatch.com
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