गाने
रात की चुप्प, दिल में गहरी खामोशी,
तेरे बिना लगे जैसे हो सर्दी की रात।
वो हंसी तेरी, वो बातें सब झूठी,
अब कैसे जी लूँ मैं तेरे बिना इस बात।
तू मेरे ख्वाबों में आती है, पर वो सच नहीं,
तेरे जाने के बाद, दुनिया है वीरान सी।
तेरी कमी से दिल अब चुप रहता है,
हर जगह तेरी तलाश में ये आत्मा भटकती है।
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है,
तेरे बिना जीना अब तो जख्म की तरह लगता है।
वो यादें तेरी, हर पल मेरा साथी है,
तेरे बिना मैं बस एक खाली जगह की तरह हूँ।
हर सुबह तेरे बिना जैसे धूप भी धुंधली,
तेरे बिना हर दिन जैसे एक लंबे सफर की तरह।
दिल की धड़कन भी अब तुझसे दूर हो गई,
तेरे बिना जीना जैसे एक नर्क की तरह।
अब भी मैं तुझसे मिलने की आस में,
तेरे बिना हर खुशी अब तो खो गई है।
सपनों की दुनियां में, तेरे बिना सब अधूरा,
तेरे बिना जीना बस एक दर्द की सजा है।
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है,
तेरे बिना जीना अब तो जख्म की तरह लगता है।
वो यादें तेरी, हर पल मेरा साथी है,
तेरे बिना मैं बस एक खाली जगह की तरह हूँ।
रात की चुप्प में, तेरे बिना मैं खोया हूँ,
तेरे बिना जीना अब तो मुश्किल हो गया है।
यादें तेरी, अब भी दिल में बसी हैं,
पर तेरे बिना इस दिल की धड़कन मुझसे रूठ गई है।
Written by: Hyper Kid