क्रेडिट्स
PERFORMING ARTISTS
Sasheh Aagha
Performer
Ram Sampath
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Puneet Sharma
Lyrics
Amartya Bobo Rahut
Composer
गाने
उड़े-उड़े फिरें रातों को
जिए-जिए जी लें ख़्वाबों को
धुआँ-धुआँ समाँ है देखो
धरे हैं क्यूँ? बह जाने दो, हो
चलो, जले-जले फिरें
डूब कर मरें, शरारतें सब करें
बर्बादियाँ, मीठी लगे ये आज़ादियाँ
बर्बादियाँ, मीठी लगे ये आज़ादियाँ
बर्बादियाँ, मीठी लगे आज़ादियाँ
आ, ख़ुद को कर ख़ुदा, सब कुछ तबाह कर दें
हमें जो भी हों पता, सारे गुनाह कर दें
नीली-नीली आग हम भर लें निगाहों में
जलती ये दास्ताँ रख दे हवाओं में, whoa-oh-oh
चलो, जले-जले फिरें
डूब कर मरें, शरारतें सब करें
बर्बादियाँ, मीठी लगे ये आज़ादियाँ
बर्बादियाँ, मीठी लगे ये आज़ादियाँ
बर्बादियाँ, मीठी लगे आज़ादियाँ
हो, दिल कहे तो फिर नस-नस धधकने दें
लहरों को तोड़ दें, दरिया उबलने दें
आजा, फिर थाम लें अनजानी राहों को
होगा पर चूमना अपनी सज़ाओं को, whoa-oh-oh
चलो, जले-जले फिरें
डूब कर मरें, शरारतें सब करें
आज़ादियाँ, देंगी हमें बर्बादियाँ
बर्बादियाँ, मीठी लगे ये आज़ादियाँ
आज़ादियाँ, देंगी हमें बर्बादियाँ
बर्बादियाँ, मीठी लगे आज़ादियाँ
Written by: Amartya Bobo Rahut, Puneet Sharma

