Dari
PERFORMING ARTISTS
Lata Mangeshkar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Usha Khanna
Composer
Kamal Joshi
Composer
Rana Sahari
Songwriter
Lirik
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
बहुत थे अपनों के आशरे भी
मगर सहारे सब ऐसे टूटे
के ग़ुम है जीने के रास्ते भी
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
गुज़र रही है किन हालातों में
ये बिखरी-बिखरी सी ज़िन्दगानी
भला किसे ये गरज पड़ी है
जो कोई आए ये देखने भी
जो कोई आए ये देखने भी
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
बहुत थे अपनों के आशरे भी
मगर सहारे सब ऐसे टूटे
के ग़ुम है जीने के रास्ते भी
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
नहीं है कोई उम्मीद बाकी
नहीं है जीने की चाह भी अब
वो एक दीया दिल की हसरतों का
ज़माना गुज़रा बूझे हुए भी
ज़माना गुज़रा बूझे हुए भी
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
बहुत थे अपनों के आशरे भी
मगर सहारे सब ऐसे टूटे
के ग़ुम है जीने के रास्ते भी
बहुत उम्मीदें थी ज़िन्दगी से
Written by: Kamal Joshi, Rana Sahari, Usha Khanna