Lirik

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साए बहार के रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साए बहार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही नैन आँसू जो लिए हैं ये राहों के दीये हैं नैन आँसू जो लिए हैं ये राहों के दीये हैं लोगों को उनका सब कुछ दे के तू तो चला था सपने ही ले के कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साए बहार के ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही, ओ राही
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Laxmikant Pyarelai Lyrics powered by www.musixmatch.com
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