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PERFORMING ARTISTS
Euphoria Gully
Euphoria Gully
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Palash
Palash
Composer
Dahlia
Dahlia
Lyrics

Lirik

क्या करेगी तू घर से निकल के
जाएगी तू कहाँ
क्या देखेगी तू ताज महल को
मैं ना हू जो वहाँ
क्या नज़र और क्या नज़ारे
कुछ नहीं इनमें बात
नगरी नगरी क्या ढूंदेगी
मैं नहीं जो तेरे साथ
कभी आना तू मेरी गली
तुझे पलकों पे रखूँगा जी
बात दिल की काहु
हिन्दुस्तानी जो हू
जब जी चाहे तो आ जाना जी
कभी आना तू मेरी गली
कभी आना तू मेरी गली
क्या करेगी तू कश्मीर जाके
स्वराग तेरा यहाँ
क्या बैठेगी तू गंगा किनारे
मैं ना हू जो वहाँ
क्या जन्नत और क्या ये तीरथ
कुछ नहीं तेरे काम
हो जाएँगे धाम सारे
लेगी जब मेरा नाम
कभी आना तू मेरी गली
तुझे पलकों पे रखूँगा जी
कभी आना तू मेरी गली
तुझे दिल में बसा लूँगा जी
बात दिल की कहु
हिन्दुस्तानी जो हू
जब जी चाहे तो आ जाना जी
बात दिल की कहु
और दिल से ही सुनू
जब जी चाहे तो आ जाना जी
कभी आना तू मेरी गली
कभी आना तू मेरी गली
समझी क्या?
ए गुरु फाटा फ़ाटी
मेरे दिल के मुहल्ले में आके
दिल लगा के तो जा
सारी गलियाँ तुझे ही पुकारे
आ के तू सुन ज़रा
ना चिनार है ना पहाड़ है
ना समुंदर यहाँ
फिर भी शहरो का शहर है
मैं तो हू जो यहाँ
हे, कभी आना तू मेरी गली
तुझे पलकों पे रखूँगा जी
कभी आना तू मेरी गली
तुझे दिल में बसा लूँगा जी
बात दिल की कहु
हिन्दुस्तानी जो हू
जब जी चाहे तो
कभी आना तू मेरी गली
तुझे पलकों पे रखूँगा जी
कभी आना तू अपनी गली
तुझे दिल में बसा लूँगा जी
बात दिल की कहु
हिन्दुस्तानी जो हू
जब जी चाहे तो आ जाना जी
बात दिल की कहु
और दिल से ही सुनू
जब जी चाहे तो आ जाना जी
बात दिल की कहु
तेरे दिल में राहु
जब जी चाहे तो आ जाना जी
कभी आना तू मेरी गली
कभी आना तू मेरी गली
कभी आना तू अपनी गली
कभी आना तू मेरी गली
रोज़-रोज़ मेरी गली आना है बुरा
आ के बिना बात किए जाना है बुरा
Written by: Dahlia, Palash
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