Lirik

बेजान ख़्वाहिशों में भर के ज़रा सी जाँ इन चाहतों को ज़िंदा तूने है कर दिया (कर दिया) सोई सी धड़कनों को दी है नई सुबह साँसों को तूने छू के जन्नत किया जहाँ तेरे इश्क़ की दिल को लगी ऐसी हवा है ना पूछ कि आया मुझे कितना मज़ा है बिन बारिश भीगे मेरे जिस्म-ओ-जाँ हैं ना पूछ कि आया मुझे कितना मज़ा है हर दुआ अब तुझसे जुड़ी है, तेरे ही गलियों में मुड़ी है रास्तों में तेरे खड़ी हैं मंज़िलें मेरी मुझपे तो धुन तेरी चढ़ी है, चाहतें हर बार बढ़ी हैं देखती हैं जब-जब तुझको ऑंखें मेरी ये जो बात हुई है, ये जो हाल हुआ है ना पूछ कि आया मुझे कितना मज़ा है बिन बारिश भीगे मेरे जिस्म-ओ-जाँ हैं ना पूछ कि आया मुझे कितना मज़ा है तू मेरे जज़्बात की ज़िद है, सिर्फ़ तेरे साथ की ज़िद है और ना किसी बात की ज़िद है दिल को मेरे संग तेरे अपना सा लगूँ मैं, तू ना हो तो ग़ैर दिखूँ मैं सोचना चाहूँ ना ख़ुद को मैं बिन तेरे मुझे तूने यूँ जो पागल सा किया है ना पूछ कि आया मुझे कितना मज़ा है बिन बारिश भीगे मेरे जिस्म-ओ-जाँ हैं ना पूछ कि आया मुझे कितना मज़ा है दिल के बंजर शहर में बहारों की फ़ज़ा अभी और बाक़ी है झूठी वफ़ाओं का ख़ुमार तो कब का उतर चुका सच्चे इश्क़ का मज़ा अभी और बाक़ी है
Writer(s): Altaaf Sayyed, Atiya Sayyed Lyrics powered by www.musixmatch.com
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