Lirik

पानी पऱ्यो सरर, छाना बज्यो गरर मनमा उठ्यो आज मेरो आनन्दको लहर हिजोको बिपना आज भएछ सपना ए कान्छी, कति चाँडै बितेको यो जीवन पानी पऱ्यो सरर, भिज्यो कालेबुङ सहर कालो-कालो बादल चढी फर्की आयो असार, लहै जिन्दगी कहिले घाम कहिले पानी, लैबरी लै माया नै सबैभन्दा ठूलो कुरो रैछ नि है चारैतिर निला-निला आकाश नै छायो है वरिपरि लागेको यो कुइरो हरायो है मनलाई साँचो राखी हिँडिँरहेछु म तिम्रो साहारामै बाँचिरहेछु, मायालु पानी पऱ्यो सरर, झोडा बग्याे गरर फर्की आएँ तिम्रैतिर छाडी सारा संसार हिजोको बिपना आज भएछ सपना ए कान्छी, कति चाँडै बितेकाे याे जीवन पानी पऱ्यो सरर, भिज्याे कालेबुङ सहर कालाे-कालाे बादल चढी फर्की आयाे असार लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै
Writer(s): Bipul Chettri Lyrics powered by www.musixmatch.com
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