Dari
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Lead Vocals
Sahir Ludhianvi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
N Dutta
Composer
Sahir Ludhianvi
Songwriter
Lirik
लाख बार धिक्कार है तुझ पर, ओ, निर्लज्ज इंसान
झुक गया अत्याचार के आगे तेरा धर्म, ईमान
मैं नहीं मानूँगा...
मैं नहीं मानूँगा माटी के पुतले को भगवान
तुम चाहो तो कायर बनकर सह लो ये अपमान
मैं नहीं मानूँगा...
जिनको बल का मान है, उनसे कह दो ये जाकर
जिनको बल का मान है, उनसे कह दो ये जाकर
"कट सकता है, झुक नहीं सकता किसी का सर"
मैं करता हूँ आज भरे बाज़ार में ये ऐलान
मैं नहीं मानूँगा माटी के पुतले को भगवान
तुम चाहो तो कायर बनकर सह लो ये अपमान
मैं नहीं मानूँगा...
मेरे भगवन वो है, जिसकी रचना है संसार
मेरे भगवन वो है, जिसकी रचना है संसार
मेरे भगवन वो है, जो है सब का पालनहार
उस भगवान के बदले कैसे ले लूँ ये शैतान
मैं नहीं मानूँगा माटी के पुतले को भगवान
तुम चाहो तो कायर बनकर सह लो ये अपमान
मैं नहीं मानूँगा...
कितने कंस और कितने रावण इस धरती पर आए
कितने कंस और कितने रावण इस धरती पर आए
किसी दुष्ट के आगे प्रभु के भक्त ना झुकने पाए
धर्म रहा है, धर्म रहेगा मृत्यु पर बलवान
मैं नहीं मानूँगा माटी के पुतले को भगवान
तुम चाहो तो कायर बनकर सह लो ये अपमान
मैं नहीं मानूँगा...
मैं नहीं मानूँगा...
Written by: N Dutta, Sahir Ludhianvi

