Dari
Lirik
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते
दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतापहारिणि
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते
मधुकैटभविध्वंसि विधातृवरदे नमः
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
महिषासुरनिर्नाशि भक्तानां सुखदे नमः
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
रक्तबीजवधे देवि चण्डमुण्डविनाशिनि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
शुम्भस्यैव निशुम्भस्य धूम्राक्षस्य च मर्दिनि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
वन्दिताङ्घ्रियुगे देवि सर्वसौभाग्यदायिनि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
अचिन्त्यरूपचरिते सर्वशत्रुविनाशिनि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चापर्णे दुरितापहे
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
स्तुवद्भयो भक्तिपूर्वं त्वां चण्डिके व्याधिनाशिनि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
चण्डिके सततं ये त्वां अर्चयन्तिः भक्तितः
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि देवि परं सुखम्
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
विधेहि द्विषतां नाशं विधेहि बलमुच्चकैः
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
विधेहि देवि कल्याणं विधेहि परमां श्रियम्
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
सुरासुरशिरोरत्ननिघृष्टचरणेऽम्बिके
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
विद्यावन्तं यशस्वन्तं लक्ष्मीवन्तं जनं कुरु
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
प्रचण्डदैत्यदर्पघ्ने चण्डिके प्रणताय मे
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
चतुर्भुजे चतुर्वक्त्रसंस्तुते परमेश्वरि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
कृष्णेन संस्तुते देवि शश्वद्भक्त्या सदाम्बिके
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
हिमाचलसुतानाथसंस्तुते परमेश्वरि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
इन्द्राणीपतिसद्भावपूजिते परमेश्वरि
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
देवि प्रचण्डदोर्दण्डदैत्यदर्पविनाशिनी
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
देवी भक्तजनोद्दामदत्तानन्दोदऽम्बिके
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि
...यशो देहि द्विषो जहि
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्
तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्
सारसागरस्य कुलोद्भवाम्

