Testi
सपने हैं सूनी आंखे
जाने क्यों खो गए
सोचा था, साहिल पे मिलेगा
थेहरा सा एक पल
एक पल
चाँदनी हैं ये रातें
फिर भी टूटे सितारे
ढूंढते हैं ये ज़मीन पे
थेहरा सा एक पल
एक पल
अंधेरी दास्तां
खो गए कहाँ
हम तो रेह गए
फिर वहीं
आती है एक सदा
वादियों से कहीं
अजनबी राहों पे मिलेगा
थेहरा सा एक पल
एक पल
अंधेरी दास्तां
खो गए कहाँ
हम तो रेह गए
फिर वहीं
Writer(s): Kem Trivedi, Kenny Puri, Atul Mittal, Mohit Chauhan
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