Crediti
PERFORMING ARTISTS
Lata Mangeshkar
Lead Vocals
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Khaiyyaam
Composer
Sahir Ludhianvi
Songwriter
Testi
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
फिर से ना बिखर जाएँ
फिर से ना बिखर जाएँ
इस रात में जी लें हम
इस रात में मर जाएँ
इस रात में मर जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
अब सुबह ना आ पाए
आओ, ये दुआ माँगें
अब सुबह ना आ पाए
आओ, ये दुआ माँगें
इस रात के हर पल से
रातें ही उभर जाएँ
रातें ही उभर जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
दुनिया की निगाहें अब
हम तक ना पहुँच पाएँ
दुनिया की निगाहें अब
हम तक ना पहुँच पाएँ
तारों में बसें चल कर
धरती में उतर जाएँ
धरती में उतर जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
हालात के तीरों से
छलनी हैं बदन अपने
हालात के तीरों से
छलनी हैं बदन अपने
पास आओ कि सीनों के
कुछ ज़ख़्म तो भर जाएँ
कुछ ज़ख़्म तो भर जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
आगे भी अँधेरा है
पीछे भी अँधेरा है
आगे भी अँधेरा है
पीछे भी अँधेरा है
अपनी हैं वही साँसें
जो साथ गुज़र जाएँ
जो साथ गुज़र जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
...ये घड़ियाँ
फिर से...
सिमटी हुईं...
बिछड़ी हुईं रूहों का
ये मेल सुहाना है
बिछड़ी हुईं रूहों का
ये मेल सुहाना है
इस मेल का कुछ एहसाँ
जिस्मों पे भी कर जाएँ
जिस्मों पे भी कर जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
तरसे हुए जज़्बों को
अब और ना तरसाओ
तरसे हुए जज़्बों को
अब और ना तरसाओ
तुम शाने पे सर रख दो
हम बाँहों में भर जाएँ
हम बाँहों में भर जाएँ
सिमटी हुईं ये घड़ियाँ
Written by: Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi