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फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
जीवन की धड़कन बनकर वो
छा जाती थी इन साँसों में
और मैं भी डूबा रहता था
उसकी मतवाली आँखों में
तुम जैसे शरमा जाती हो
ऐसे ही वो शरमाती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
तू मेरे तसव्वुर में आकर
अक्सर खामोश सी रहती थी
ना मैं तुझ से कुछ कहता था
ना तू मुझ से कुछ कहती थी
कुछ मैंने अगर कहना चाहा
तेरी नज़र झुक जाती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
होंठों को इजाज़त तुम दे दो
इज़हार मोहब्बत का कर लूँ
कह दो अगर जो आज मुझे
इन बाँहों में तुम को भर लूँ
ये प्यारी सी सूरत है वही
दिन-रात नज़र जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
Writer(s): Bappi Lahiri, Dev Dev
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