Testi
तुझे सोचता हूँ मैं शाम-ओ-सुबह
इस से ज़्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या?
तेरे ही ख़यालों में डूबा रहा
इस से ज़्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या?
बस सारे ग़म में, जानाँ, संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में, जानाँ, संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहाँ भी ना ले मेरे
आ-आ-आ-आ-आ-आ-आ
संग हूँ तेरे
आ-आ-आ-आ-आ-आ-आ
संग हूँ तेरे
आ-आ-आ-आ-आ-आ-आ
संग हूँ तेरे
मेरी धड़कनों में ही तेरी सदा
इस कदर तू मेरी रूह में बस गया
तेरी यादों से कब रहा मैं जुदा?
वक़्त से पूछ ले, वक़्त मेरा गवाह
बस सारे ग़म में, जानाँ, संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में, जानाँ, संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहाँ भी ना ले मेरे
आ-आ-आ-आ-आ-आ-आ
संग हूँ तेरे
आ-आ-आ-आ-आ-आ-आ
संग हूँ तेरे
आ-आ-आ-आ-आ-आ-आ
संग हूँ तेरे, हे-हे...
Writer(s): Pritam Chakraborty, Sayeed Quadri
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