歌詞

कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे जान बाकी है मगर साँस रूकी हो जैसे हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे जान बाकी है मगर साँस रूकी हो जैसे
Writer(s): Faaiz Anwar Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out