歌詞

इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ इक बगल में नींद होगी, इक बगल में लोरियाँ हम चाँद पे... हम चाँद पे रोटी की चादर डालकर सो जाएँगे और नींद से... और नींद से कह देंगे, "लोरी कल सुनाने आएँगे" और नींद से कह देंगे, "लोरी कल सुनाने आएँगे" इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ इक बगल में नींद होगी, इक बगल में लोरियाँ हम चाँद पे... हम चाँद पे रोटी की चादर डालकर सो जाएँगे और नींद से... और नींद से कह देंगे, "लोरी कल सुनाने आएँगे" और नींद से कह देंगे, "लोरी कल सुनाने आएँगे" इक बगल में खनखनाती सीपियाँ हो जाएँगी इक बगल में कुछ रुलाती सिसकियाँ हो जाएँगी हम सीपियों में... हम सीपियों में भर के सारे तारे छू के आएँगे और सिसकियों को... और सिसकियों को गुदगुदी कर-कर के यूँ बहलाएँगे और सिसकियों को गुदगुदी कर-कर के यूँ बहलाएँगे अम्मा, तेरी सिसकियों पे कोई रोने आएगा कोई रोने आएगा ग़म ना कर, जो आएगा वो फिर कभी ना जाएगा वो फिर कभी ना जाएगा याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी होनी और अनहोनी की परवाह किसे है, मेरी जाँ? हद से ज़्यादा ये ही होगा कि यहीं मर जाएँगे हम मौत को... हम मौत को सपना बता कर उठ खड़े होंगे यहीं और होनी को... और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जाएँगे और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जाएँगे और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जाएँगे और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जाएँगे और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जाएँगे और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जाएँगे
Writer(s): Piyush Mishra Lyrics powered by www.musixmatch.com
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