クレジット
PERFORMING ARTISTS
Pritam
Performer
KK
Performer
Rahul Sharma
Actor
Tanushree Dutta
Actor
Rahul Khanna
Actor
COMPOSITION & LYRICS
Pritam
Composer
Sameer
Lyrics
歌詞
जाने कैसे शब ढली
जाने कैसे दिन खिला
जाने कैसे कब कहां
चल पड़ा ये सिलसिला
मेरी आंखों को ये
कैसा मंज़र मिला
तेरे हर नक्श में
बस खुदा ही खुदा
तेरा चेहरा सनम
इक रुबाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
तेरा चेहरा सनम
इक रुबाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
बेताबियों की
शामो सहर से
ना था मैं वाकिफ़
दर्द-ए-जिगर से
गुजरा नहीं था
मैं तोह कभी भी
प्यार की दिलकश
राहें गुजर से
दीवानगी की
ये इंतहान है
हर चेहरे में
चेहरा तेरा है
सारी दुनिया तेरी
परछाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
तेरा चेहरा सनम
इक रुबाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
जाने कैसे शब ढली
जाने कैसे दिन खिला
जाने कैसे कब कहां
चल पड़ा ये सिलसिला
तेरी कशिश का
जादू अजब है
हर वक्त मुझको
तेरी तलब है
यून ही नहीं मैं
बेसुध हुआ हूं
इस प्यास का तोह
कोई सबब है
तेरे सिवा ना
अब कोई अरमान
अब ज़िंदगी है
तुझसे मेरी
बिन तेरे हर जगह
तन्हाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
तेरा चेहरा सनम
इक रुबाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
जाने कैसे शब ढली
जाने कैसे दिन खिला
जाने कैसे कब कहां
चल पड़ा ये सिलसिला
मेरी आंखों को ये
कैसा मंज़र मिला
तेरे हर नक्श में
बस खुदा ही खुदा
तेरा चेहरा सनम
इक रुबाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
तेरा चेहरा सनम
इक रुबाई सी है
मेरे दिल जिस्म-ओ-जान पे
तू छाई सी है
(ah-ah)
Written by: Pritam, Sameer

