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クレジット
PERFORMING ARTISTS
Altaaf Sayyed
Music Director
Akhtar Nafe
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Altaaf Sayyed
Songwriter
Akhtar Nafe
Songwriter
歌詞
तेरे ज़ख्म से उभरा है दिल
बड़े दर्द से गुज़रा है दिल
तुझसे ही तो चला था ये
फिर तुझपे आ ठहरा है दिल
ओ, तेरे ज़ख्म से उभरा है दिल
बड़े दर्द से गुज़रा है दिल
तुझसे ही तो चला था ये
फिर तुझपे आ ठहरा है दिल
एक पल की भी दूरियाँ
इस दिल को ना मंजूर है
तेरे इश्क़ में पागल बड़ा
ये दिल मेरा मजबूर है
तू ज़रूरी था, तू ज़रूरी है
तू ज़रूरी था, तू ज़रूरी है
ज़िंदगी मेरी तो बिन तेरे
है जैसे एक कोरा कागज़ कोई
लफ़्ज़ इनपे तू लिख दे तेरे
यूँ कर दे मुकम्मल चाहत मेरी
तेरे बिना साँसें मेरी
लगे ज़िंदगी से दूर है
तेरे इश्क़ में पागल बड़ा
ये दिल मेरा मजबूर है
तू ज़रूरी था, तू ज़रूरी है
तू ज़रूरी था, तू ज़रूरी है
वादा करूँ मैं अब दरमियाँ
ना होंगे कभी भी ये फासले
शिकवे भुला दे ना दे सज़ा
तू मुझको लगा ले अपने गले
हद से बड़ी बेताबियाँ
जब से हुआ तू दूर है
तेरे इश्क़ में पागल बड़ा
ये दिल मेरा मजबूर है
तू ज़रूरी था, तू ज़रूरी है
तू ज़रूरी था, तू ज़रूरी है
Writer(s): Akhtar Nafe, Altaaf Sayyed
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