Rahgirの「Mere Gaon Aaoge」を聴こう。

Mere Gaon Aaoge

Rahgir

Alternative Folk

2,047 Shazams

クレジット

PERFORMING ARTISTS
Rahgir
Rahgir
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Sunil Kumar Gurjar
Sunil Kumar Gurjar
Songwriter

歌詞

तुम मुड़ तो पाओगे, पर लौट ना पाओगे तुम मुड़ तो पाओगे, पर लौट ना पाओगे मेरी याद आएगी उस मक़ाम पे कभी तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे मैं मिलूँगा ही नहीं उस मकान पे कभी तुम पकड़ के गाड़ी शायद... Surat station के बाहर ठंडी bench थी, चाय गरम थी बगल में एक ताऊ के हाथ में बीड़ी थी जो लगभग ख़तम थी मैंने बस दो-चार चुस्कियाँ ली थी कि उतने में ताऊ ने दूसरी सुलगा ली थी पहली को फ़ेंका ज़मीन पर और जूती से कुचल दिया मुझे जाने क्यूँ तेरी याद आई, मैं उठा और चल दिया शामों का काम तो ढलना है, ढलेंगी तब भी हवाओं का काम तो चलना है, चलेंगी तब भी ज़ुल्फ़ों की तो ये फ़ितरत है, उड़ेंगी तब भी कोई और सँवारेगा तो भी मेरी याद आएगी तुम सोच तो लोगे, पर बोल ना पाओगे तुम सोच तो लोगे, पर बोल ना पाओगे दिल की बात आएगी ना जबान पे कभी तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे मैं मिलूँगा ही नहीं उस मकान पे कभी Jaisalmer में झाड़ के मिट्टी अपने जूतों-कपड़ों से एक टीले पर मैं बैठा था, दूर जहाँ के लफ़ड़ों से दूर कहीं वो ढलता सूरज मुझे छोड़ के तन्हा ढल गया उस ठंडी रात में, उस ठंडी रेत पर मैं लेटे-लेटे जल गया शब्द हैं, दर्द है, कलाकारी है, गीत बना लूँगा उन गीतों की क़ीमत भारी है, मैं कमा लूँगा ओ, तेरा नाम ना लूँगा, ख़ुद्दारी है, मैं छुपा लूँगा कोई गुनगुनाएगा तो तुम समझ ही जाओगे तुम पैसे-औहदों पर इतरा ना पाओगे तुम पैसे-औहदों पर इतरा ना पाओगे इतनी तालियाँ होंगी मेरे नाम पे कभी तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे मैं मिलूँगा ही नहीं उस मकान पे कभी
Writer(s): Sunil Kumar Gurjar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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