クレジット
PERFORMING ARTISTS
RCR
Performer
COMPOSITION & LYRICS
RCR
Composer
Pritam
Composer
Amitabh Bhattacharya
Lyrics
歌詞
जानाँ, अधूरा था, अधूरा हूँ
ज़मीं पे ना सही तो आसमाँ में आ मिल
तेरे बिना गुज़ारा, ऐ दिल, है मुश्क़िल
काश मेरा दिल तुझपे आया ना होता
काश तूने प्यार तेरा जताया ना होता
कैसे कहूँ कितना है दर्द तेरे जाने का?
काश ख़ुदा ने तुझे मिलाया ना होता
मेरा यही ख़्वाब था कि तू मेरे साथ हो
बाँहों में, जानाँ, तेरी मेरे दिन और रात हो
आज भी phone पे रहती निग़ाहें
कि आए तेरा message, और काश तुझसे बात हो
टूटे हैं दिल, छूटे हैं हाथों से हाथ
पहले जैसी मुझमें ना रही वो बात
नाम है कमा लिया दुनिया में मैंने
पर क्या करना शोहरत का, जो तू नहीं साथ
एक बार अपना चेहरा दिखा तो सही
फिर मुझे गले लगा तो सही
मैं दुनिया छोड़ दूँ तेरे लिए, जानाँ
तू फिर एक दफ़ा बुला तो सही
तूने दिया है जो, वो दर्द ही सही
तुझसे मिला है तो इनाम है मेरा
घर पे मेरे ब्याह के तुझको ला नहीं पाया
प्यार है तुमसे कितना, कभी जता नहीं पाया
तेरी-मेरी photo को जला दिया मैंने
पर तेरे-मेरे प्यार को जला नहीं पाया
याद कर, दोनों में बातें जो रातों को होती थी
याद कर, मुझसे मिलने को बच्चों जैसा रोती थी
आज तो भीड़ में तुम नज़रें चुराती हो
कभी मेरे लिए, जानाँ, नमाज़ें भी होती थी
तोड़े कई दिल, पर शर्मिंदा नहीं हूँ
यहाँ से वहाँ मैं परिंदा नहीं हूँ
बिन तेरे, जानाँ, अब हालत है ऐसी
कि चल रही हैं साँसें, पर ज़िंदा नहीं हूँ
तूने मेरे लिए दिए सदके, और कलाई पे बाँधे ताबीज़
शामिल थी यही दुआ तेरी दुआ में, दूर हो मुझसे हर बुरी चीज़
कहाँ गया तेरी इन दुआओं का असर, जब शौहर के सामने तूने मेरे ऊपर ही हाथ उठा दिया?
और मुझे कहा, "मेरी छोड़ देहलीज़"
वो दिल्लगी थी या कोई शाम, जो पल में ही ढल गई
मैं सड़क बनके खड़ा रहा, तू पाँव रखके चल गई
ऐ दिल, है मुश्क़िल
Written by: Amitabh Bhattacharya, Pritam, RCR

