तू आती है सीने में
जब-जब साँसें भरता हूँ
तेरे दिल की गलियों से
मैं हर रोज़ गुज़रता हूँ
हवा के जैसी चलती है तू
मैं रेत जैसे उड़ता हूँ
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा?
जैसे मैं करता हूँ
तू जो मुझे आ मिला, सपने हुए सरफिरे
हाथों में आते नहीं, उड़ते हैं लम्हे मेरे
मेरी हँसी तुझ से, मेरी ख़ुशी तुझ से
तुझे ख़बर क्या, बेक़दर?
जिस दिन तुझ को ना देखूँ
पागल-पागल फिरता हूँ
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा?
जैसे मैं करता हूँ