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クレジット

PERFORMING ARTISTS
Maqta
Maqta
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Sarthak Karkare
Sarthak Karkare
Composer

歌詞

फिर वही दिन जिया है मैंने
तुम्हारी यादों में ख़ुद को भुलाया है
पलों के पुल से जुड़ा है तुमसे
ये कैसा रिश्ता है, खो के भी पाया है
हर सुबह की ज़ुबाँ हो तुम
लफ़्ज़ों की तंगी है, छाई चुप्पी है
फिर वही शाम ढली है
दिल एक कली है, बरसों से खिल ना पाई है
हम-तुम रूठे हैं क्यूँ?
दो दिल टूटे हैं क्यूँ?
छुड़ा हूँ जब से निगाहों की गहरी गिरफ़्त से मैं
बँधा हूँ यादों से
जुड़ा है बीते वो कल से ये दिन जो मेरा है, फिर भी
रचा है तुमने ही
हम-तुम रूठे हैं क्यूँ?
दो दिल टूटे हैं क्यूँ?
कहानी ग़म की अब पूरी है
ये दूरी कैसी जो अधूरी है?
कुछ ऐसे फ़ासले ज़रूरी हैं
पास आएँ भी तो हम दूर ही हैं
हम-तुम रूठे हैं क्यूँ?
दो दिल टूटे हैं क्यूँ?
हम-तुम...
फिर वही दिन जिया है मैंने
तुम्हारी यादों में ख़ुद को भुलाया है
पलों के पुल से जुड़ा है तुमसे
ये कैसा रिश्ता है, खो के भी पाया है
Written by: Sarthak Karkare
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