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PERFORMING ARTISTS
Raghav Sachar
Raghav Sachar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Raghav Sachar
Raghav Sachar
Composer

歌詞

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का स्वामी दुःख विनसे मन का सुख सम्पत्ति घर आवे, सुख सम्पत्ति घर आवे कष्ट मिटे तन का ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे मात-पिता तुम मेरे, शरण पढ़ूँ मैं किसकी स्वामी शरण पढ़ूँ मैं किसकी तुम बिन और ना दूजा, प्रभु बिन और ना दूजा आस करूँ मैं जिसकी ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे तुम पूरण परमात्म, तुम अन्तर्यामी स्वामी तुम अन्तर्यामी पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता स्वामी तुम पालन-कर्ता मैं मूरख खल खामी, मैं सेवक तुम स्वामी कृपा करो भर्ता ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति स्वामी सबके प्राणपति किस विधि मिलूँ गोसाईं, किस विधि मिलूँ दयालु तुमको मैं कुमति ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे दीनबन्धु, दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे स्वामी ठाकुर तुम मेरे अपने हाथ उठा ओ, अपनी शरण लगाओ द्वार पड़ा हूँ तेरे ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे विषय-विकार मिटा ओ, पाप हरो देवा स्वामी पाप हरो देवा श्रद्धा-भक्ति बढ़ा ओ, श्रद्धा-भक्ति बढ़ा ओ सन्तन की सेवा ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय, ओम जय, ओम जय जगदीश हरे
Writer(s): Traditional, Raghav Sachar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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